सपनों में तुम , अपनों में तुम , देखूँ जिधर तूँ ही तूँ है

सपनों में तुम , अपनों में तुम , देखूँ जिधर तूँ ही तूँ है



धुन- दिल में हो तुम आँखों में तुम

सपनों में तुम , अपनों में तुम , देखूँ जिधर तूँ ही तूँ है स्वासों में तूँ , धड़कन में तूँ , रग रग में तूँ है समाया |

फेरता नज़र जिधर भी , तूँ ही तूँ आये नज़र, छोड़के तुझको साँवरे , बोल जाऊँ मैं किधर, फूलों में तूँ , कलियों में तूँ , चारो तरफ तेरी माया || १ ||

चाहे धरती हो आसमां , सबमें तेरा वास है, सबका हारे का सहारा तूँ , मेरा ये विशवास है, तूँ ही मेरा , मैं हूँ तेरा , सबमें तेरी ही छाया || २ ||

" श्याम " कहे जब गाऊँ , बाँसुरी बजाता है तूँ , प्यारी धुन पे तेरी , सबको नचाता है तूँ , देखा मैंने सारा जहाँ , इस दिल को , बस तूँ ही भाया || ३ ||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: