Home › There are no categories राम बिनु तन को ताप न जाई। published on 08 सितंबर leave a reply राम बिनु तन को ताप न जाई।जल में अगन रही अधिकाई॥तुम जलनिधि मैं जलकर मीना।जल में रहहि जलहि बिनु जीना॥1||तुम पिंजरा मैं सुवना तोरा।दरसन देहु भाग बड़ मोरा॥2||तुम सद्गुरु मैं प्रीतम चेला।कहै कबीर राम रमूं अकेला॥3||''जय श्री राधे कृष्णा '' — Previous Post Next Post post written by: रचनाकार
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