श्याम प्रभु से नज़र मिलाकर देख लो एक नज़र में लुट जावोगे सोच लो

श्याम प्रभु से नज़र मिलाकर देख लो एक नज़र में लुट जावोगे सोच लो



तर्ज़-दुल्हे का सेहरा सुहाना लगता है
                   
श्याम प्रभु से नज़र मिलाकर देख लो
एक नज़र में लुट जावोगे सोच लो
इकबर खाटू नगरी जाकर देख लो
बार-बार फिर, तुम जावोगे सोच लो |
                 
जाने कैसा, जादू सा कर, देता साँवरिया
सबको अपने, प्रेम के वश कर, लेता साँवरिया
इकबर मेरे श्याम का बनकर देख लो
उसके होकर रह जावोगे सोच लो ||1||
               
खाटू वाले, श्याम प्रभु को, दुनिया पूज रही
हर होठों पर, जयकारे की, बोली गूँज रही
तुम भी ये जयकार लगाकर देख लो
फिर लोगों से बुलवावोगे सोच लो ||2||
               
खाटू की, माटी से भीनी, खुशबू आती है
कहे "रवि" जो, सबका जीवन, महका जाती है
उस धरती को शीश नवाकर देख लो
अपने शहर को भूल जावोगे सोच लो ||3||
                 

जय श्री राधे कृष्ण
 श्री कृष्णाय समर्पणम्



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