
तर्ज़: सूरज कहूँ या चन्दा .
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कब होगा मिलन हमारा,कब होगा दरश तुम्हारा
नयनों में छब्बी तुम्हारी,साँसों में नाम तुम्हारा |
बैठे हैं पलक बिछाये,आने की आश लगाये
आओगे जब तुम कान्हा,पलकों पे तुझे बिठाये
हम करेंगे सेवा तेरी,मिलता रहे प्यार तुम्हारा ||१ ||
तेरे ही भरोसे कान्हा ,हम आगे बढ़ते जायें
देखे नहीं कभी हम मुडके,राहों को सुगम बनायें
पग-पग हर पल ओ कान्हा,देना तूं साथ हमारा ||२||
मालिक तुमसा हम पा कर,मस्ती में झूमें गायें
नीत नये तराने बुन कर,चरणों में तेरे चढ़ायें
अरदास यही 'टीकम की,हरिदास बनालो तुम्हारा ||३||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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