
वृषभानु लली गुण गाइये
राधा राधा राधा राधा
राधा राधा राधा राधा
इनके ही चरण कमल को ध्यावत
आठों याम बिताइये ||1||
इनके ही नाम लेते निशीवासर
असुअन धार बहाइये ||2||
इनके ही नित्ये धाम बरसानो
पुनि-पुनि आइये जाइए ||3||
इनके परम चरित्र को श्यामा आ श्यामा -३
किशोरी जू के परम चरित्र को -३
सुनिए और सुनाइए ||4||
इनके ही जो कृपालु जन उनते
प्रेम सुधा रस पाइए ||5||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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