
धुन- जी भजे हरी नाम को
सपनों में सरकार आये , मुस्कुराये चल दिये
बातें कुछ भी कर न पाये , मुस्कुराये चल दिये ||
एक झलक दिखला के दिलवर , आँख से ओझल हुए
दर्द हमारा कह ना पाये , मुस्कुराये चल दिये || १ ||
ठहर जा मैंने कहा , जी भरके तुमको देख लूँ
शयाद वो कुछ सुन न पाये , मुस्कुराये चल दिये || २ ||
" बनवारी " परेशान हूँ , आदत बदलिये आपकी
अब ना आना बिन बुलाये , मुस्कुराये चल दिये || ३ ||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
0 Comments: