छाड़ो गोपाल मोरी बैया

            छाड़ो गोपाल मोरी बैया





            छाड़ो गोपाल मोरी बैया गहो न
         बैया गहो न मोरी बैया गहो न




मैं तो नार पराये घर की
         मेरे भरोसे गोपाल रहो न ||1||




जो तुम मोरी बैया गहत हो
         नैन मिलाये मेरे प्राण हरो न ||2||




वृंदावन की कुंज गलिन में
          रीत छोड़ अनरीत करो न ||3||




मीरा के प्रभु गिरिधर नागर
          चरण कमल चित टार टरे न ||4||



 जय श्री राधे कृष्ण


    श्री कृष्णाय समर्पणम्

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