
हट पकडी नंदलाल मैया री मोहे चंदा ला दे।।
मात यशोदा बोली कान्हा न रो मेरे होते,
हाय कैसे लाल हो गई आखिया रोते रोते।।1||
चंदामामा दूर बसे है कैसे लेकर आऊ,
फिर भी तू ना माने तो मै थाली मे दिखलाऊ।।2||
इतना कहा के मात यशोदा थाली लेकर आई,
पानी भर के दिखलाई है चंदा की परछाई।।3||
कृष्ण कन्हैया खुश होकर के लगे बजाने ताली,
मैया के बहकावे मे आ हंसते है बनवारी।।4||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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