
अपनी धुन मेँ रहता हूँ,राधे राधे कहता हूँ।राधे राधे राधे
published on 30 August
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अपनी धुन मेँ रहता हूँ,
राधे राधे कहता हूँ।
राधे राधे राधे राधे
जब से तेरा नाम लिया मेरा जीवन जैसे बदल गया,
मेरा जीवन जैसे बदल गया,
मारा मारा फिरता था मुझे तेरा सहारा मिल ही गया,
अब मस्ती मेँ रहता हूँ,
राधे राधे कहता हूँ||1||
तेरी कृपा से श्री राधे मुझे, रसिकन का सदा संग मिला,
ठोकर खाने बाला था गुरुदेव ने आकर थाम लिया,
अब संत शरण मेँ रहता हूँ,
राधे राधे कहता हूँ||2||
ना जाने दुनियाभर के सब पार ही कैसे होते है,
सब पार ही कैसे होते है,
जो नहीँ लेते नाम तुम्हारा जाने वो कैसे जीते है,
अब राधे शरण मेँ रहता हूँ,
राधे राधे कहता हूँ||3||
अपनी धुन मेँ रहता हूँ,
राधे राधे कहता हूँ।
राधे राधे राधे राधे
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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