सहज सुभाव परयौ नवल किशोरी जू कौ,मृदुता, दयालुता, कृपालुता की
सहज सुभाव परयौ नवल किशोरी जू कौ,
मृदुता, दयालुता, कृपालुता की रासि हैं ।
नैकहूं न रिस कहूं भूले हू न होत सखि,
रहत प्रसन्न सदा हियेमुख हासि हैं ।
ऐसी सुकुमारी प्यारे लाल जू की प्रान प्यारी,
धन्य, धन्य, धन्य तेई जिनके उपासि हैं ।
हित ध्रुव ओर सुख जहां लगि देखियतु,
सुनियतु जहां लागि सबै दुख पासि हैं ।
जै श्री राधे कृष्ण
🌺
श्री कृष्णायसमर्पणं
श्री राधा 🙏🙏
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