सहज सुभाव परयौ नवल किशोरी जू कौ,मृदुता, दयालुता, कृपालुता की

सहज सुभाव परयौ नवल किशोरी जू कौ,मृदुता, दयालुता, कृपालुता की









सहज सुभाव परयौ नवल किशोरी जू कौ,
मृदुता, दयालुता, कृपालुता की रासि हैं ।




नैकहूं न रिस कहूं भूले हू न होत सखि,
रहत प्रसन्न सदा हियेमुख हासि हैं ।




ऐसी सुकुमारी प्‍यारे लाल जू की प्रान प्‍यारी,
धन्‍य, धन्‍य, धन्‍य तेई जिनके उपासि हैं ।




हित ध्रुव ओर सुख जहां लगि देखियतु, 
सुनियतु जहां लागि सबै दुख पासि हैं ।









जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं

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