रघुवीर तुम्हारे मन्दिर में मै भजन सुनाने आया हूँ ।घनश्याम

रघुवीर तुम्हारे मन्दिर में मै भजन सुनाने आया हूँ ।घनश्याम



रघुवीर तुम्हारे मन्दिर में मै भजन सुनाने आया हूँ ।
घनश्याम के चरणों में मै दर्शन करने आया हूँ ॥ टेक ॥

भक्ति प्रभु की करता हुं मै गीत प्रभु के गाता हूँ ।
बेडा पार प्रभु से होता है तो मै गुण प्रभु के ही गाता हूँ ॥
राम नाम की महिमा का मै सत्संग सुनाने आया हूँ ॥1॥
रघुवीर तुम्हारे मन्दिर में .......

चाहे राम कहो चाहे श्याम कहो प्रभुजी सबके अवतारी है ।
विनती सुनलो प्रभु तुम मेरी अब आई मेरी बारी है ॥
धुप दीप की थाल सजाकर मै पूजन करने आया हूँ ॥2॥
रघुवीर तुम्हारे मन्दिर में .......

मान पिता की आज्ञा से जब रामजी वनवास गए ।
सेवा करने को सीता लक्ष्मण दोनों उनके साथ गए ॥
चलो अयोध्या वापस भैया मै तुमको लेने आया हूँ ॥3॥
रघुवीर तुम्हारे मन्दिर में .......

विश्वास प्रभु का रखता हूं मै रोज प्रभु को भजता हूँ।
लीन होकर शाम सवेरे मै ध्यान प्रभु का करता हूँ ॥
हुआ अंधेरा इस दुनिया में मै दीप जलाने आया हूँ ॥4॥
रघुवीर तुम्हारे मंदीर में.......


''जय श्री राधे कृष्णा ''


Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: