राधे राधे करुणामयी कृष्ण प्यारी,मेरी सुध लीजो श्री वृषभान दुलारी|हे
राधे राधे करुणामयी कृष्ण प्यारी,
मेरी सुध लीजो श्री वृषभान दुलारी|
हे अखिल लोक चूड़ा मणि कीर्ति किशोरी,
बृज भूषण उर भूषण बृज चन्द्र चकोरी||1||
बृज जीवन जीवनी बृज करुनिमणि श्यामा,
आनन्दमयी आनन्दकन्द की भामा ||2||
बृज मंडल की शोभा,,,बृज की उजियारी,
मेरी सुध लीजो श्री वृषभान दुलारी||3||
हे मनोहारिणी राशेश्वरी रस रूपा,
बृज विलासिनी ब्रज वासिनी ब्रज की भूपा ||4||
ललितादिक सहचरी सर्वस्व स्वरूपा,
निज प्रणक वत्सला स्वामिनी परम अनूपा ||5||
हे गोपवंश मणि ब्रज बरसाने वारि,
मेरी सुध लीजो श्री वृषभान दुलारी ||6||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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