हम जिंदगी लुटाने आए हैं तेरे दर परदिल की लगी
हम जिंदगी लुटाने आए हैं तेरे दर पर
दिल की लगी बुझाने आए हैं तेरे दर पर
सब कुछ लुटा चुके है एक जिंदगी है बाकी
वह भी तुझे लूटा दू ऐसी पिलादे साकी
फरियाद ये सुनाने आए हैं तेरे दर ll1ll
तूँ मुझसे क्यों है रुठा ये तो जरा बता दे
झाँकी जरा दिखा दे या अंधा मुझे बना दे
हम तुझको यूँ सताने आये हैं तेरे दर पर ll 2ll
जब तक है ये जिंदगी तुझको करेंगे टेरा
गलियों में तेरी मोहन देते रहेंगे फेरा
रूठा तुझे मनाने आएं है तेरे दर पर ll3ll
आयेगी याद मुझको एक था कोई दीवाना
गलियों में फिरता रहता ऐसा था वो बेगाना
बिगड़ी सभी बनाने आएं हैं तेरे दर पर ll4ll
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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