
प्रभु-चरणों में विनती है हमारी,
माथा टेकती जहाँ ये दुनियासारी|…प्रभु-चरणों में.
हे हृषिकेश ! हे जगतनरेश !
दो आत्मज्ञान करो श्रीगणेश !
अज्ञानी हैं हम सब दुखियारी..…प्रभु-चरणों में||1||
हे जगदीश्वर ! हे परमेश्वर !
करो कृपा हों मेरे मृदु-श्वर !
है ये दुनिया बस प्रेम से हारी…प्रभु-चरणों में||2||
हे परमपिता ! हे कृष्णमुरारी !
है अधीन आपके ये सृष्टिसारी |
प्रभु हर लो अब मेरी भी अंधियारी.…प्रभु-चरणों में||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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