ऐ शाम तेरी मुरली की कसम ,हम तुमसे महोबत कर

 ऐ शाम तेरी मुरली की कसम ,हम तुमसे महोबत कर


 ऐ शाम तेरी मुरली की कसम ,
हम तुमसे महोबत कर बैठे ।
इक दिल के सिवा और कुछ भी न था ,
वो दिल भी तुम्हरा कर बैठे ।
तस्वीर को तेरी जब देखा ,
बेहोश हूए मदहोश हुए ।
जब देखा सांवली सूरत को ,
चरणों में सर को झुका बैठे ।
हम तो रंग गए तेरे रंग में , ऐ
रंगने वाले अर्ज़ तो सुन ।
कुछ खोया भी कुछ पाया भी ,
तेरे प्रेम का सौदा कर बैठे ।
पलकों में बिठा लूं तुझको मैं ,
तन मन और धन सब भेंट करूं ।
जब पकडा तेरे दामन को ,
दुनिया से किनारा कर बैठे ।
"जय श्री राधे कृष्णा —
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