
दर तेरे आने की,दर्शन तेरा पाने कीदिल में तमन्ना है
published on 27 August
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दर तेरे आने की,दर्शन तेरा पाने की
दिल में तमन्ना है तुझको रिझाने की
दर तेरे आने की....
बिन महर तेरे,क्या दर कोइ आ पाता
आने की क्या है बात,चल नहीं पाता..||1||
नहीं मीरा सी भक्ति,नहीं भाव सुदामा सा
नहीं करमा मैं कोइ, नहीं हूँ मैं नरसी सा..||2||
कब होगी महर तेरी,कब नज़र तुम्हारी श्याम
दे भक्ति भाव मुझमे,आऊं मैं दर तेरे धाम.||3||
क्या पाप किये मैंने,क्या भूल हुई है श्याम
पापी कीतेने तारे '' तो तेरी गुलाम ||4||
दर तेरे आने की,दर्शन तेरा पाने की
दिल में तमन्ना है तुझको रिझाने की
दर तेरे आने की....
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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