
सीता राम सीता राम सीताराम कहिये,जाहि विधि राखे राम ताहि
published on 27 August
leave a reply
सीता राम सीता राम सीताराम कहिये,
जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये |
मुख में हो राम नाम राम सेवा हाथ में,
तू अकेला नाहिं प्यारे राम तेरे साथ में |
विधि का विधान जान हानि लाभ सहिये,
जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये ||1||
किया अभिमान तो फिर मान नहीं पायेगा,
होगा प्यारे वही जो श्री रामजी को भायेगा |
फल आशा त्याग शुभ कर्म करते रहिये,
जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये ||2||
ज़िन्दगी की डोर सौंप हाथ दीनानाथ के,
महलों मे राखे चाहे झोंपड़ी मे वास दे |
धन्यवाद निर्विवाद राम राम कहिये,
जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये ||3||
आशा एक रामजी से दूजी आशा छोड़ दे,
नाता एक रामजी से दूजे नाते तोड़ दे |
साधु संग राम रंग अंग अंग रंगिये,
काम रस त्याग प्यारे राम रस पगिये ||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
0 Comments: