कुंज भवन में मंगलचार ।

कुंज भवन में मंगलचार ।



कुंज भवन में मंगलचार ।
नव दुलहन वृषभान नंदिनी, 
दूल्हे ब्रजराज कुमार ॥१॥
नये नये पुष्पकुंज के तोरण, नव पल्लवी बंदनवार ।
चोरी रची कदंब खंडी में, सघन लता मंडप विस्तार ॥२॥

करत वेद ध्वनि विप्र मधुप गण कोकिला गण गावत अनुसार ।
दीनी भूर दास परमानंद प्रेम भक्ति रतन के हार ॥३॥

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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