
कैसी बंसी बजाई रे मनमोहना मेरी सुध बिसराई रे मनमोहना
मै तो जाऊ वारि वारि तेरी सूरत प्यारी प्यारी मेरे मन में समाई रे मनमोहना
मै तो सोयी थी कान्हा अपनी अटरिया चौंक पड़ी सुनके मै तेरी बांसुरिया
चांदनी रातो में तेरी मीठी बातो ने मेरी निंदिया चुराई रे मनमोहन||1||
तेरे लिए कान्हा मैंने दुनिया ये छोड़ी दुनिया से प्रीत तोड़ी तेरे संग जोड़ी
तुझे देखू गलियों में तू छुपा है कलियों में काहे मुझको भुलाए रे मनमोहना||2||
मै तेरे नाम की दीवानी सांवरिया श्याम मुरारी मेरी लेलो खबरिया
तेरी हू जोगन मै तू मेरे तन मन में चेतन ज्योति जगाई रे मनमोहना ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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