
लिखी है ये ग़ज़ल सिर्फ तेरे लिए .
दीवानी बने भी तो सिर्फ तेरे लिए . `
किसी को नहीं देखेंगी अब ये आंखें .
नज़रें तरसेंगी भी तो सिर्फ तेरे लिए .
हर सांस में याद करेंगे तुझे
ये सांस निकले गी भी तो सिर्फ तेरे लिए .
हर प्यार से प्यारे लगते हो तुम मुझे .
मैंने प्यार सीखा भी तो सिर्फ तेरे लिए ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
0 Comments: