प्रथम गोरचन चले कन्हाई.|गोपाष्टमी

प्रथम गोरचन चले कन्हाई.|गोपाष्टमी



प्रथम गोरचन चले कन्हाई.|

माथे मुकुट पीतांबर की छबी वनमाला पहराई||1||

कुंडल श्रवण कपोल बीराजत सुंदरता बनि आई
 घरघरते सब छाक लेत हें संग सखा सुखदाई||2||

आगें धेनु हांक सब लीनी पीछे मुरली बजाई
 परमानंद प्रभु,"मनमोहन" व्रजबासिन सुरत कराई.||3||

''जय श्री राधे कृष्णा ''
 
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