जब से लगन लगी प्रभु तेरी

जब से लगन लगी प्रभु तेरी






जब से लगन लगी प्रभु तेरी
सब कुछ मैं तो भूल गया हूँ |



बिसर गया क्या था मेरा
बिसर गया अब क्या है मेरा .
अब तो लगन लगी प्रभु
तेरी तू ही जाने क्या होगा ||1||

जब मैं प्रभु में खो जाता हूं
मेघ प्रेम के घिर आते हैं .
मेरे मन मंदिर मे प्रभु के
चारों धाम समा जाते हैं  ||2||

बार बार तू कहता मुझसे
जग की सेवा कर तू मन से .
इसी में मैं हूं सभी में मैं हूं
तू देखे तो सब कुछ मैं हूं  ||3||

जय श्री राधे कृष्ण

श्री कृष्णाय समर्पणम्



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