बाबा थारा सिंधारा करस्याँ जी,

बाबा थारा सिंधारा करस्याँ जी,



                
तर्ज़-ढ़ोला ढ़ोल मंजीरा बाजै रे
               
बाबा थारा सिंधारा करस्याँ जी,
घणे चाव सै, आँगणिये मँ, थानै बुलास्याँ जी |




                
भादुड़े री चौक चाँदणी, थारा सिंधारा करस्याँ
झूलै पर थानै बैठास्याँ, हिंडो थानैहिंडास्याँ
इब थे, मतना देर लगाज्यो जी ||1||




                 
नयो दुपट्टो नयो ही बागो, थानै श्याम पहरास्याँ
मोर मुकुट मोत्यां री माला, कर्ण फूल लटकास्याँ
थे तो, पहैर ओढ़ जँच जास्यो जी ||2||
                
छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन, मनुहारां सै जिमास्याँ
कह्वै "रवि" थानै, लौंग ईलायची, बीड़ो पान खुवास्याँ
पाछै, चूरण गोली खाज्यो जी ||3||
                



जय श्री राधे कृष्ण

 श्री कृष्णाय समर्पणम्



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