मुझे है काम ईश्वर से,जगत रूठे तो रूठन दे|कुटुंब परिवार

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मुझे है काम ईश्वर से,
जगत रूठे तो रूठन दे|


कुटुंब परिवार सुत दारा,
माल धन लाज लोकन की.
हरि का भजन करने से,
अगर छूटे तो छूटन दे ||1|| 


बैठ संगत संतन की,
करुं कल्याण मैं अपना,
लोक दुनिया के भोगो में,
मोज लूंटे तो लूंटन दे ||2||


प्रभु के ध्यान करने की,
लगी दिल में लगन मेरे,
प्रित संसार विषयो से,
अगर टूटे तो टूटन दे ||3||




धरी शिर पाप की मटकी,
मेरे गुरुदेव ने झटकी,
वो ब्रह्मानंद ने पटकी,
अगर फूटे तो फूटन दे ||4||






जय श्री राधे कृष्ण



       श्री कृष्णाय समर्पणम्

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