अब मोहे श्याम भरोसा तेरा |

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अब मोहे श्याम भरोसा तेरा |

दीपक ज्ञान जगा घट भीतर ,
मिटा अज्ञान अँधेरा ||१||

निशा निराशा दूर हुई जब ,
आई शांति सबेरा ||२||

अमर महारस नाम पान कर ,
मुक्त हुआ मन मेरा ||३||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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