सज धज कर बैठी माँ, और मंद मंद मुस्काये
published on 17 September
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सज धज कर बैठी माँ,
और मंद मंद मुस्काये |
आओ नज़र उतारें मैया की,
कही माँ को नज़र ना लग जाए |
कोई काजल डिब्बी ले आओ,
मैया को टीका लगा जाओ |
मेरी भोली भाली मैया को ,
भक्तों की नज़र ना लग जाए ||1||
जब मैया चलती पग रख कर,
पाऊँ के घुंघरू बोल रहे|
इस प्यारी प्यारी पायल को ,
कहीं कंजकों की नज़र ना लग जाए ||2||
मेरी माँ का मुखड़ा भोला है,
चुनरी में चंदा लिप्टा है |
इस सुंदर प्यारे मुखड़े को ,
कहीं चंदा की नज़र ना लग जाए ||3||
मेरी माँ की लीला न्यारी है,
तेरी सुन्दर शेर सवारी है.
इस जग की पालनहारी को ,
कहीं खुद की नज़र ना लग जाए ||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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