छोटा बने सो वो हरि पाये जैसे छोटी बूँद नीर की, दूध

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छोटा बने सो वो हरि पाये 


जैसे छोटी बूँद नीर की, दूध में घुलमिल जाये ,
छोटा दीपक जले रात भर ,सूरज काम न आये ,
छोटी चींटी खाए मिठाई ,हाथी धूल उड़ाये ,
छोटी सुई निकाले काँटा ,कोक पड़ी रह जाये ॥1 ॥ 




छोटा सा एक बीज न जाने कब फूले फल जाये ,
छोटी सी एक बूँद न जाने कब मोती बन जाये ,
छोटी सी मछली सागर की गहराई बतलाये ,
छोटा सा ही नाम राम का अमरापुर ले जाये ॥ 2 ॥ 




छोटी सी मीठी बात सभी के मन को सुख पहुंचाये ,
छोटी चिड़िया उड़े गगन में सबके मन ललचाये ,
छोटी नाव सदा राही को नदी पार ले जाये ,
छोटी नदियां बहते बहते  सागर में मिल जाये  ॥ 3 ॥

जय श्री राधे कृष्ण



       श्री कृष्णाय समर्पणम्

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