बन घुँघरू नच्चाँ मैं दर तेरे बांसुरी बजान वालेया

बन घुँघरू नच्चाँ मैं दर तेरे बांसुरी बजान वालेया

दिल विच्च तार इश्क़ दी वज्दी ए, ते नाले वज्दी खंजरी ए,
मैं ते नच्च के श्याम मना लैना, भेड़े लोक केहन भावे कंजरी ए ।
नचना वी इबादत बन जांदा, नचने दा जे कोई चज होवे,
ओ वाट मक्के दी क्यों पावे, जिदा श्याम नू वेखेया हज होव ॥

बन घुँघरू नच्चाँ मैं दर तेरे, बांसुरी बजान वालेया ।
हूण वस ना रहा कुझ मेरे, मुरली बजौन वालेया ॥

घुंघरू बन लए मीरा बाई,
हरी नाम दी लगन लगायी ।
मारे गालिया दे विच्च फेरे,
मुरली बजौन वालेया ॥

बैठा होवे जे सामने जद मुर्शद, बुल्ला कर के हार श्रृंगार नच्चे ।
पत्थर पिघल के क्यों ना होवे पानी, जदों सामने यार दे यार नच्चे ॥

पैरा विच्च घुंघरू बुल्ले पाए,
नच नच मुर्शद नु ओह मनाए ।
बुल्ला नच्चे मुर्शद दे वेहड़े,
बंसरी बजौन वालेया ॥

ऐहो घुंघरू वर मैं पाए,
राधे राधे राधे नाम जपाए ।
कट जाएंगे चैरासी वाले गेडे,
बांसुरी बजान वालेया ॥

स्वर : सरबमोहन सिंह (टीनू सिंह)

Bhajan : Ban ghunghroo nacha main dar tere bansari bajaan waleya Punjabi bhajan by Tinu Singh Phagwara

Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: