नज़र ना लग कही तेरे नैना कजरारे
मोर का मुकुट शीश पे शोभा पा रहा
मुखड़े को देख के चाँद भी लज्जा रहा
अधरों से छलके हैं रस की फुआरें
तीखी कतारें, दोनों नैन कजरारे
बाल हैं तिहारे जैसे सावन के बदरा
गालों पे छाए कारे कारे घुंघराले
पतली कमर तेरी लचके कमाल की
वारि वारि जाऊं तेरी मस्तानी चल की
करती पायलिया तेरी मीठी झंकारें
रमण बचाऊं तोहे सब की नज़र से
आजा छिपालूं तोहे नैनो में आज से
सुन मेरे प्यारे इस दिल की पुकारें|
( Bake bihari tere nain kajrare )
अधरों से छलके हैं रस की फुआरें
तीखी कतारें, दोनों नैन कजरारे
बाल हैं तिहारे जैसे सावन के बदरा
गालों पे छाए कारे कारे घुंघराले
पतली कमर तेरी लचके कमाल की
वारि वारि जाऊं तेरी मस्तानी चल की
करती पायलिया तेरी मीठी झंकारें
रमण बचाऊं तोहे सब की नज़र से
आजा छिपालूं तोहे नैनो में आज से
सुन मेरे प्यारे इस दिल की पुकारें|
( Bake bihari tere nain kajrare )
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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