चरन कमल बंदौ हरिराई

चरन कमल बंदौ हरिराई

चरन कमल बंदौ हरिराई ।
जाकी कृपा पंगु गिरि लंघे,अंधे को सब कछु दरसाई ॥१॥
बहरो सुने मूक पुनि बोले,रंक चले सिर छत्र धराई ।
‘सूरदास’ स्वामी करुणामय, बारबार बंदौ तिहिं पाई ॥२॥

Charan Kamal Bando Hari Rai



जय श्री राधे कृष्णा

Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: