व्रज रज की धूली उडाये
गौ पैरों से ताल सजाये,
आज कान्हा मेरे घर पे आये...||
गौ पैरों से ताल सजाये,
आज कान्हा मेरे घर पे आये...||
हाथ में लकूटी, कांधे पर कामली -
थडक थडक डग भर आये,
आज प्रियतम मेरे घर पे आये...||
थडक थडक डग भर आये,
आज प्रियतम मेरे घर पे आये...||
मुख पर मयूर पंख, गले वन माला -
बंसी धून लहराये दौडे आये,
आज गोविन्द मेरे घर पे आये...||
बंसी धून लहराये दौडे आये,
आज गोविन्द मेरे घर पे आये...||
बीच डगर पर आरती सजाये -
विरह वेदना के फूल बरसाने,
आज मोहन मेरे घर पे पधारे...||
विरह वेदना के फूल बरसाने,
आज मोहन मेरे घर पे पधारे...||
शृंगार पहन मधुर मुस्कान लिये -
नाच नचाते - गीत गाते मुझे बुलाये,
आज श्यामा मेरे साथ बिराजे...||
:
"श्री राधे-कृष्ण जयते"
"जय श्रीयुगल-जोड़ी सरकार की"
🌺🍃🌺🍃🌺🍃🌺🍃🌺
नाच नचाते - गीत गाते मुझे बुलाये,
आज श्यामा मेरे साथ बिराजे...||
:
"श्री राधे-कृष्ण जयते"
"जय श्रीयुगल-जोड़ी सरकार की"
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