जब चारों तरफ़ कोई रास्ता नज़र न आये
तो सच्चे मन से अपने गुरु को याद करो
और एक अंधे की तरह अपने आप
को
गुरु के हवाले करदो । और फरियाद करो
.....ए.....मालिक..... अब मैं तेरी
शरण में हूँ
जैसा चाहे वैसा रख । मालिक अपने आप सब करता
है ।
जरूरत है विश्वास और धीरज
की......!!!!!

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