Prem vachan

भीगने का अगर शौक हो तो आकरमेरे गोविन्द के चरणों में बैठ जाना ....ये बादल तो कभी कभी बरसते हैं......मगर मेरे गोविन्द की कृपा हर पल बरसती है।

अगर मिलो किसी मोड़ पे...मुझे देखकर आँखे
ना चुरा लेना,श्याम
बस,....
'तुझे देखा है यार कहीं'....कहकर गले लगा लेना मेरे श्याम....

"कर" "भरोसा" "कृष्ण " "नाम" "का" "धोखा" "कभी"
"ना" "खायेगा" .
"हर" "मोके" "पर" "कृष्ण " "तेरे" "घर" "सबसे" "पहले"
"आयेगा"

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