तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार
उदासी मन काहे को करे
नैया तेरी राम हवाले
लहर लहर हरि आप सम्हाले
हरि आप ही उठायें तेरा भार
उदासी मन काहे को करे ||1
काबू में मँझधार उसी के
हाथों में पतवार उसी के
तेरी हार भी नहीं है तेरी हार
उदासी मन काहे को करे ||2
सहज किनारा मिल जायेगा
परम सहारा मिल जायेगा
डोरी सौंप के तो देख एक बार
उदासी मन काहे को करे ||3
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