Aaj kisne ye tujhko sawara Kanha

Aaj kisne ye tujhko sawara Kanha

आज किसने ये तुझको सवारा कान्हा ....
चाँद धरती पे किसने उतारा कान्हा ....

तेरा सावल सा मुखड़ा यह बांकी अदा ...
तेरी चितवन पे कान्हा हुए हम फ़िदा ...
हम ने रह रह के तुझको निहारा कान्हा...
चाँद धरती पे किसने उतारा कान्हा .||1||

रूप राशी का गहरा समुन्दर ह तु...
किस जुबा से कहे कितना सुन्दर ह तू ...
चैन दिल से चुराया हमारा कान्हा ....
चाँद धरती पे किसने उतारा कान्हा .||2||

तेरे भक्तो पे कैसी यह मदहोशिया...
होश खो बैठ छाई ह बेहोशिया...
हर्ष वश में जिया न हमारा कान्हा...
चाँद धरती पे किसने उतारा कान्हा .||3||

आज किसने ये तुझको सवारा कान्हा ....
चाँद धरती पे किसने उतारा कान्हा ....



''जय श्री राधे कृष्णा ''

Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: