Ek satya - Punya ka fal

Ek satya - Punya ka fal

जब तक मनुष्य का पुण्य उदय नहीं होता, तब तक कृष्ण का पूजन , महामंत्र का जप,  एकादशी का पालन
नही कर सकता तथा भगवद्भक्त नहीं  बन सकता ।

जब बहुत जन्मों का पुण्य एकत्र होता है तब मनुष्य के मन में कृष्ण भक्ति करने की इच्छा जाग्रत होती है।
या फिर किसी शुद्ध भक्त की संगति मनुष्य को प्राप्त हो ।
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