घनश्याम तुम्हारे मंदिर मे मै तुम्हे रिज़ाने आई हूँवाणी मे

 घनश्याम तुम्हारे मंदिर मे मै तुम्हे रिज़ाने आई हूँवाणी मे





 घनश्याम तुम्हारे मंदिर मे मै तुम्हे रिज़ाने आई हूँ
वाणी मे तनिक मिठास नहीं पर विनय सुनाने आई हूँ !!

मै देखूं अपने कर्मो को फिर दया को तेरी करूणा को 
ठुकराई हुई मै दुनिया से तेरा दर खटकाने आई हूँ ||1||

घनश्याम तुम्हारे मंदिर मे मै तुम्हे रिज़ाने आई हूँ 
वाणी मे तनिक मिठास नहीं पर विनय सुनाने आई हूँ !!2||

""ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए
लो चलो अच्छा हुआ कुछ लोग तो पहचाने गए !!3||

समजी थी मै जिन्हें अपना सब हो गए आज बेगाने हैं 
सारी दुनिया को तज के प्रभु तुजे अपना बनाने आई हूँ||4|| 

घनश्याम तुम्हारे मंदिर मे मै तुम्हे रिज़ाने आई हूँ 
वाणी मे तनिक मिठास नहीं पर विनय सुनाने आई हूँ !!

''जय श्री राधे कृष्णा ''

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