तोरा मन दर्पण कहलाये

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तोरा मन दर्पण कहलाये
भले बुरे सारे कर्मों को, 
देखे और दिखाये

मन ही देवता, मन ही ईश्वर, मन से बड़ा न कोय 
मन उजियारा जब जब फैले, जग उजियारा होय
इस उजले दर्पण पे प्राणी, धूल न जमने पाये ||1||

सुख की कलियाँ, दुख के कांटे, मन सबका आधार
मन से कोई बात छुपे ना, मन के नैन हज़ार
जग से चाहे भाग लो कोई, मन से भाग न पाये ||2||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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