
कन्हैया, तुम तोड़ दो नेह भले हमसे,
पर मै न तुम्हे, बिसराया करूँ.|
मेरी इसमें खुशी तुम रूठा करो,
मै अकेले में, तुमको मनाया करूँ ||1||
मेरे रोने पे तुमको जो आये हंसी,
तो मै, रो - रो के, तुमको हंसाया करूँ ||2||
तेरे चरणों कि धूलि को चन्दन समझ,
मै, तो माथे पे अपने, सजाया करू ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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