तेरी शरण में जो आ गया ,भव से उसे छुड़ा दिया
published on 18 September
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तेरी शरण में जो आ गया ,भव से उसे छुड़ा दिया
कैसा भी हो पातकी ,पावन उसे बना दिया |
दर-दर भटकता है वही जो तेरी शरण आया नहीं ,
भूले से अगर गया कहीं ,रास्ता उसे बता दिया ||१||
भाग्य प्रबल उसी का है ,जीवन सफल उसी का है ,
त्याग सफल उसी का है ,जिसको तूने जगा दिया ||२||
जिसको भरोसा हो गया ,बेडा ही पार हो गया ,
अलमस्त फिर वो हो गया ,प्याला जिसे पिला दिया ||३||
तुम पतित के नाथ हो ,भक्त जनों के साथ हो ,
मुझ से अधम विमूढ़ को दाता तूने अपना लिया ||४||
जिस की लग्न हो आप से ,उद्धार होवे पाप से ,
घुटे वो जग के ताप से शीतल जिसे बना दिया ||५||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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