मिलता है बड़े भाग्य से नर तन कभी - कभी
published on 18 September
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मिलता है बड़े भाग्य से नर तन कभी - कभी ,
आते है इसी वेष में भगवन कभी - कभी |
कोई बुरा नहीं है भले मन के वास्ते ,
इस मन से ही मिल जाते है प्रीतम कभी - कभी ||१||
जब तक है जिंदगी सभी को हंसा के जी ,
हंस - हंस कर सुलझ जाती है उलझन कभी - कभी ||२||
भगवान और इंसान में कोई फर्क नहीं ,
नई ज्योत इधर आती है छन छन कभी - कभी ||३||
भगवान ने इंसान बनाकर यही कहा ,
मुझको भी सुहाता है यह बंधन कभी - कभी ||४||
निर्मल हो हर दिल और जुबां पे नाम हो तेरा ,
इतने में ही मिल जाते है दर्शन कभी - कभी ||५||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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