यशोदा तेरो कान्हा बड़ो नटखट है
published on 18 September
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यशोदा तेरो कान्हा बड़ो नटखट है
माखन की हांड़ी देखि जिसके भी अंगना
बिन जाने उस पर ये झपटत है |
यमुना किनारे कान्हा जब जब भी जाये
जब जब भी जाये गोपियों को सताए
पकड़ो इसे ये तो भागे सरपट है ||1||
माखन चुराए कान्हा और छुप जाये ,
डांट से बचने को बहाने बनाये ,
डांट इसे तो ये हंसन लगत है ||2||
बंशी बजाये कान्हा सबको रिझाये ,
सबको ये अपना दीवाना बनाये,
इसकी बंशी की धुन पे दुनिया उलझत है ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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