यशोदा तेरो कान्हा बड़ो नटखट है

यशोदा तेरो कान्हा बड़ो नटखट है




यशोदा तेरो कान्हा बड़ो नटखट है
माखन की हांड़ी देखि जिसके भी अंगना
बिन जाने उस पर ये झपटत है |

यमुना किनारे कान्हा जब जब भी जाये
जब जब भी जाये गोपियों को सताए
पकड़ो इसे ये तो भागे सरपट है ||1||

माखन चुराए कान्हा और छुप जाये ,
डांट से बचने को बहाने बनाये ,
डांट इसे तो ये हंसन लगत है ||2||

बंशी बजाये कान्हा सबको रिझाये ,
सबको ये अपना दीवाना बनाये,
इसकी बंशी की धुन पे दुनिया उलझत है ||3||



''जय श्री राधे कृष्णा ''


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