
मन तरपत हरी दर्शन को आज |
मोरे तुम बिन बिगरे सगरे काज
बिनती करत हूँ, रखियो लाज
तुमरे द्वार का मैं हूँ, जोगी ,
हमरी ओर नज़र कब होगी ,
सुनो मोरे ब्याकूल मन का बाज ||1||
बिन गुरु ज्ञान कहा से पाऊ ,
दिजो दान हरी गुण गाऊ ,
सब गुणी जन पे तुमरा राज ||2||
मुरली मनोहर आस ना तोडो ,
दुख भंजन मोरा साथ ना छोड़ो ,
मोहे दर्शन भिक्षा दे दो आज ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
0 Comments: