
देखो देखो ये गरीबी, ये गरीबी का हाल
कृष्ण के द्वार पे बिस्वास लेके आया हूँ,
मेरे बचपन का यार है मेरा श्याम,
यह ही सोच कर में आस करके आया हूँ.
अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो,
के द्वार पे सुदामा करीब आ गया है ,
भटकते भटकते ना जाने कहा से,
तुम्हारे महल के करीब आगया है.
ना सर पे है पगड़ी ना तन पे है जामा,
बाता दो कन्हैया को नाम है सुदामा..
एक बार मोहन से जा कर के कहे दो,
के मिलने सखा बद नसीब आ गया है ||1||
सुनते ही दौड़े चले आये मोहन,
लगाया गले से सुदामा को मोहन.
हुआ रुकमणी को बहुत ही अचंभा,
यह मेहमान कैसा अजीब आगया है. ||3||
बराबर में अपने सुदामा बिठाये ,
निज आसुओं से चरण धुलाये ,
न घबरा तू प्यारे जरा तुम सुदामा
ख़ुशी का समय करीब आ गया है ||३||
''जय श्री राधे कृष्णा '
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