
धुन- ज़िन्दगी इम्तहान लेती है
साँवरा पल में मान जाता है , सुनके पुकार आता है | हम बेखबर हैं इसको खबर है, अपने भगत पर इसकी नज़र है, प्रेमी से प्रेम ये बढ़ाता है || १ || हारे का ये ही साथी बना है, बुझते दिए की बाती बना है, भाव से इनको जो रिझाता है || २ || किस्मत से जायदा हमको दिया है, कैसे मैं बताऊं क्या ना किया है, " श्याम " ने जोड़ा जबसे नाता है, || ३ || ''जय श्री राधे कृष्णा ''
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