
धुन- चाहूँगा मैं तुझे साँझ सवेरे
कर दे ज़रा तूँ , श्याम हवाले कश्ती तेरी फिर , श्याम सम्हाले तुझको फिकर है कैसी-2 |
जिसपे महर श्याम करे, तूफां में वो क्यों डरे, सौंप दे पतवार , इसको एक बार , आकर के ये निकाले || १ ||
तन मन तूँ कर अर्पण, ले ले ज़रा श्याम शरण, सौंप दे पतवार , इसको एक बार , तक़दीर तूँ जगाले || २ ||
" हर्ष " तुझे इससे मिला, अर्पण कर कैसा गिला, सौप दे पतवार , इसको एक बार ,बर प्रीत तूँ निभाले || ३ ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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