अपने भगत की आँख में आँसू

अपने भगत की आँख में आँसू





धुन- आज मेरे यार की शादी है
अपने भगत की आँख में आँसू , देख ना पाते हैं कन्हैया दौड़े आते हैं || टेर ||
जहाँ में शोर ऐसा , नहीं कोई श्याम जैसा जहाँ के मालिक हैं ये , सबों से वाकिफ हैं ये धर्म पताका निज हाथों से , प्रभु फहराते हैं || १ ||
गए जो भूल ईनको , धीर नहीं उनके मन को तिजोरी लाख भरी हो , मोटरें महल खड़ी हो हीरे मोती पे मेरे भगवन , नहीं ललचाते हैं || २ ||
याद कर गज की गाथा , पार्थ के रथ को हाँका दीन पांचाली हारी , बढ़ा दे उसकी साड़ी ध्रुव प्रहलाद नरसी और मीरा , टेर लगाते हैं || ३ ||
प्रभु से मिलना चाहो , प्रेम से हरी गुण गाओ बनो श्री श्याम दीवाना , प्रेम प्रभु का जो पाना " नन्दू " भगवन भक्त के सारे काम पटाते हैं || ३ ||

''जय श्री राधे कृष्णा ''




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