श्याम माखन चुराते चुराते, अब तो दिल भी चुराने लगें हैं |

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श्याम माखन चुराते चुराते, अब तो दिल भी चुराने लगें हैं |
राधा रानी को ले कर कन्हिया, अब तो रास रचाने लगें हैं ||

देवकी के गर्भ से जो जाए, माँ यशोदा के लाल कहाए |
ग्वाल बालों के संग मे कन्हिया, अब तो गौए चराने लगें हैं ||1||

मोह ब्रह्मा का जिस ने घटाया, मान इन्द्र का जिस ने मिटाया |
स्वम बन कर पुजारी कन्हिया, अब तो गिरिवर पूजाने लगें है ||2||

श्याम ने ऐसी वंसी बजायी, तान सखिओं के दिल मे समायी |
राधा रानी को ले कर कन्हिया, रास मधुवन रचाने लगें है ||3||

दीन बंधु ज़माने के दाता, संत भक्तो के है जो विधाता |
दया ले कर शरण राधा रानी की, उनका गुणगान गाने लगें है ||4||

''जय श्री राधे कृष्णा '' 

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