
श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया
रंग दे चुनरिया,रंग दे चुनरिया
श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया
ऐसी रंग दे कि रंग नाही छूटे
धोबिया धोये चाहे सारी उमरिया।।
लाल न रंगाऊँ मैँ,
हरी न रंगाऊँ
अपने हि रंग मेँ रंग दे चुनरिया
श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया||1||
बिना रंगाये मैँ तो घर नाहीँ जाऊँगी
बीत ही जाये चाहे ये सारी उमरिया
श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया।।2||
जल से पतला कौन है,
कौन भूमि से भारी
कौन अगन से तेज है
कौन काजल से कारी।।3||
जल से पतला ज्ञान है
और पाप भूमि से भारी
क्रोध अगन से तेज है
और कलंक काजल से कारी।।4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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