
मस्ती छाई रे छाई रे मस्ती छाई रे,
मस्ती छाई रे साँवरिया अब तो तेरे नाम की,प्यारे तेरे नाम की
मैँ तो आई रे आई रे मैँ तो आई रे,
मैँ तो आई रे जोगनिया बन के तेरे नाम की,प्यारे सुन्दर श्याम की,
वृन्दावन मे वास करु और राधे राधे गाऊँ,
सन्तन की सेवा करके मैँ जीवन सफल बनाऊँ,मैँ जीवन सफल बनाऊँ,
मैँने पाई रे पाई रे मैँने पाई रे,मैँने पाई रे डगरिया गोविन्द तेरे धाम की,
प्यारे तेरे धाम की||1||
तेरे दर्शन को प्यारे मेरी अखिया तरश रही है,
काह करु कछु बस नहीँ मेरो निशदिन बरश रही है,निशदिन बरश रही है,
मैँ तो लाई रे लाई रे मैँ तो लाई रे,
मैँ तो लाई रे माला तेरे नाम की,प्यारे तेरे नाम की||2||
पीके भंग नाम तेरे की ऐसी मस्ती छाई,
छोड़ जगत बँधन सारे वृंदावन मेँ आई,वृंदावन मेँ आई,
मन को भायी रे भायी रे मन को भायी रे,
मन को भायी रे पेजनिया प्यारे तेरे पाँव की,प्यारे तेरे पाँव की,||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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